मचकुंड स्थित गुरुद्वारा शेर शिकार दाता बंदी छोड़ में हुआ जोड़ मेला

गुरूद्वारा दाताबंदी छोड में सालाना जोड कार्यक्रम संपन्न
गुरू हरगोविन्द सिंह साहब को किया याद,तीन दिन में हुए कई धार्मिक कार्यक्रम
धौलपुर। धौलपुर के तीर्थराज मचकुंड सरोवर स्थित प्राचीन गुरूद्वारा शेर
शिकार दाताबंदी छोड में सालाना जोड मेला शुक्रवार को संपन्न हो गया। तीन
दिन तक चलने वाले मेले में कई धार्मिक आयोजन संपन्न हुए। श्रद्वालुओं ने
गुरू हरगोविन्द सिंह जी महाराज का स्मरण किया। प्राचीन गुरूद्वारा शेर
शिकार दताबंदी छोड में प्रसिद्व सालाना जोड मेला बुधवार को परंपरागत
तरीके से शुरू हुआ था। मेले के दौरान अरदास तथा अखंड पाठ का आयोजन हुआ।
आयोजन के बाद में श्रद्वालुओं ने अटूट लंगर में प्रसाद ग्रहण किया। इससे
पूर्व सालाना जोड मेले में देश के विभिन्न गुरूद्वारों से आई संगत तथा
पंजाब के जालंधर से नरेन्द्र सिंह नगीना की अगुवाई में रागी जत्थों ने
कार्यक्रम प्रस्तुत किए।  गुरूद्वारा शेर शिकार दाताबंदी छोड के प्रमुख
संत ठाकुर सिंह घोडेवालों ने बताया कि 4 मार्च 1612 को गुरू हरगोविन्द
सिंह महाराज धौलपुर आए थे। ग्वालियर जाते समय गुरूजी मचकुंड सरोवर में
रुके। लोगों के कहने पर उन्होंने 5 मार्च को यहां पर एक शेर का शिकार
करके उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी। बाद में 6 मार्च को गुरू जी ग्वालियर
पंहुचे तथा वहां मुगलों द्वारा किले में बंदी बनाए गए हिन्दु राजाओं को
मुक्त कराया। उन्हीं की याद में गुरू द्वारा शेर शिकार दताबंदी छोड
स्थापित है तथा यह सालाना जोड मेला आयोजित किया जाता है। उन्होंने बताया
कि तीन दिन तक चले आयोजन में अरदास,अखंड पाठ,शबद कीर्तन तथा लंगर के
कार्यक्रम हुए। सलाना जोड मेले में आगरा के गुरूद्वारा गुरू का ताल के
प्रमुख संत बाबा प्रीतम सिंह,दलवीर सिंह मान,नरेन्द्र सिंह बेंस उर्फ
नंदू,अर्जुन सिंह तथा संतोख सिंह सहित धौलपुर के अलावा जयपुर,
आगरा,ग्वालियर,भरतपुर,दिल्ली,चंडीगढ समेत अन्य इलाकों से श्रद्वालुओं ने
शिरकत की।