विश्व शांति के लिए महात्मा गांधी के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक

धौलपुर । राजकीय कन्या महाविद्यालय में गांधी का आध्यात्मिकवाद-बदलते


परिद्रश्य में योग नामक विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आगाज शुक्रवार को
हुआ। दो दिन तक चलने वाली संगोष्ठी में कई शिक्षाविद संबंधित विषय पर
अपने व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे। संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए कालेज
शिक्षा विभाग जयपुर के संयुक्त निदेशक डा. केएल सिराधना ने कहा कि गांधी
सादगी एवं उत्कृष्ट व्यक्तित्व के परिचायक थे। उन्होंने जो भी आदर्श एवं
व्यावहारिक ज्ञान दिया, वह प्रत्येक  व्यक्ति के जीवन मेें तथा विश्व
शांति स्थापित करने के लिए अनुकरणीय है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे
सहायक निदेशक डा. सुभाष यादव ने प्रेरणादायी उदाहरणों द्वारा गांधी जी को
बुद्व के बाद सबसे अधिक पूज्यनीय व्यक्तित्व बताया। धौलपुर जिले के समस्त
निजी एवं राजकीय महाविद्यालयों के प्रभारी डा.राजेश वर्मा ने कहा कि सत्य
एवं अहिंसा मात्र सैद्धांतिक ही नहीं हैं। बल्कि मन,वचन,और कर्म में भी
इनका पालन करना चाहिए। हमें किसी भी वर्ग के प्रति अन्याय एवं असहयोग की
भावना नहीं रखनी चाहिए। महाविद्यालय के प्राचार्य हरिदास मीना ने
अतिथियों का स्वागत कर सहभागिता निभाने वाले प्रतिभागियों को अपनी
शुभकामनाएं दी। संगोष्ठी के आयोजन सचिव डा. देवेन्द्र सिंह परमार ने
अतिथियों का सम्मान कर संगोष्ठी के बारे में जानकारी दी। संगोष्ठी में
शिक्षाविद डा. महेन्द्र सिंह,डा. राजेष ढ़ाका, बीएस बैरवा, डा. एसके जैन,
डा. निमेष गुप्ता एवं डा. एचके सिंह ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम
संचालन डा. राजकुमार परमार ने तथा महाविद्यालय की प्रगति का प्रतिवेदन
संगोष्ठी समवन्यक डा.पीके सिंह ने प्रस्तुत किया।